Housefull 5 Box Office Collection Day 1: Mumbai:Housefull 5, the latest installment in one of Bollywood’s most popular comedy franchises, hit theatres yesterday and registered an impressive box office opening. The film collected ₹24 crore nett on Day 1, making it the third biggest Bollywood opener of 2025, behind Chhaava and Sikandar.
The opening day performance also marks Akshay Kumar’s second-highest post-COVID opener and the biggest ever opening in the Housefull series, despite releasing on a non-holiday. Trade analysts consider this a strong indicator of the film’s mass appeal and the popularity of the returning star cast.
The film reunites Akshay Kumar, Riteish Deshmukh, and Abhishek Bachchan, and is set on a luxury cruise filled with comedic twists and misunderstandings. Directed by Tarun Mansukhani, Housefull 5 also features a star-studded ensemble including Sanjay Dutt, Jackie Shroff, Johny Lever, Nana Patekar, Nargis Fakhri, Jacqueline Fernandez, and Sonam Bajwa in key roles.
Industry insiders predict an even stronger performance over the weekend, with Saturday and Sunday expected to boost the numbers further. The film’s Monday hold will likely determine its long-term box office trajectory.
As of now, Housefull 5 is off to a flying start, and all eyes are on whether it can sustain the momentum and become one of the year’s biggest blockbusters.
Ranji Trophy 2024: रणजी ट्रॉफी, भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठानुपम प्रतियोगिताओं में से एक, 2024 में एक बार फिर से खेलने के लिए तैयार है। इस उत्कृष्ट टूर्नामेंट में देशभर से आए बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हो रहे हैं। Ranji Trophy 2024
इस साल के रणजी ट्रॉफी में बिहार की टीम में खेल रहे सचिन ने सभी को अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से चौंका दिया है। सचिन का नाम खुद ही एक दमदार क्रिकेट करने के लिए स्टैंड बना हुआ है और उनका योगदान इस टूर्नामेंट को और भी रोचक बना रहा है।
बिहार के क्रिकेट प्रेमियों ने सचिन को टीम में चयन करके सही निर्णय लिया है। सचिन ने अपनी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी की कुशलता से टीम को नए ऊँचाईयों तक पहुंचने में मदद की है। उनकी नेतृत्व में टीम ने संघर्षशीलता और टीमवर्क का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
रणजी ट्रॉफी में सचिन का हिस्सा बनने से उनके चाहने वालों में उत्साह और भी बढ़ गया है। उनके उत्साहवाद और खेल के प्रति प्रेम के कारण उन्हें देशभर में एक स्टार बना दिया गया है।
रणजी ट्रॉफी ने अपने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनाया है, जो नौजवान खिलाड़ियों को मुकाबला करने का मौका प्रदान करता है। इस टूर्नामेंट का आयोजन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 1934 में हुआ था, और से लेकर आज तक यह एक प्रमुख प्रतिस्थान बना हुआ है।
इस बार की Ranji Trophy 2024 में, टीमें अपने खुद के क्षेत्र से निर्धारित होंगी और विभाजित होंगी, जिससे इस प्रतियोगिता में और भी तेजी और रौंगत आएगी। इस टूर्नामेंट में भारतीय क्रिकेट दरबार के अब तक के सबसे बड़े नामों को देखने का अवसर होगा, जिनमें उन्नतिशील प्रदर्शन के साथ खिलाड़ी अपनी टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। Ranji Trophy 2024
Ranji Trophy 2024 का आयोजन देशभर के विभिन्न राज्यों के बीच होने वाले प्रारंभिक चरणों से होकर शुरू होगा, जो न केवल खेल के मैदान पर बल्कि उनके प्रशिक्षण केंद्रों और क्रिकेट स्कूलों में भी मचाया जाएगा। यह टूर्नामेंट न केवल राज्य स्तर पर खिलाड़ियों को अपने दम पर दिखाने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह उन्हें अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक कदम आगे बढ़ने का मौका देता है।
Ranji Trophy 2024 के चरणों में जोरदार मुकाबला और रोमांच की गरंटी है। खिलाड़ियों की उम्मीद है कि वे नहीं सिर्फ अपने प्रदर्शन से दर्शकों को मजबूत प्रभाव छोड़ेंगे, बल्कि वे अपनी टीम को भी जीत की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकेंगे।
Ranji Trophy 2024 न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए ही है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के उज्जवल भविष्य की ओर एक कदम और बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इसमें भाग लेने वाले हर खिलाड़ी और उनकी टीमें इस मैदान में अपनी उदाहरणीय क्रिकेट क्षमता का प्रदर्शन करेंगी और देश को गर्वित करेंगी। Ranji Trophy 2024
Ranji Trophy 2024 Venue
Ranji Trophy 2024 का आयोजन विभिन्न राज्यों के बीच आयोजित किया जाएगा, और इस वर्ष के टूर्नामेंट के वेन्यू का चयन व्यापक तौर पर किया गया है। विभिन्न स्टेडियम और शहरों में होने वाले मुकाबलों से इस टूर्नामेंट को रोमांचक और अत्यंत रौंगतयुक्त बनाए जाएगा। Ranji Trophy 2024
यह स्थानों का चयन ऐसा किया गया है ताकि हर राज्य की टीमें अपने होम ग्राउंड पर मुकाबला कर सकें और खिलाड़ी अपने दर्शकों के सामने अच्छे प्रदर्शन कर सकें। इससे नहीं केवल खेल के मैदान पर ही बल्कि देशभर में क्रिकेट प्रेमियों को भी एक अद्वितीय और रोमांचक अनुभव होगा।
Ranji Trophy 2024 Schedule Table
तिथि
टीम 1
टीम 2
स्थान
1 जनवरी
टीम ए
टीम ब
सर्कुलर स्टेडियम
5 जनवरी
टीम सी
टीम ड
शाही स्टेडियम
10 जनवरी
टीम ई
टीम एफ
राजा स्टेडियम
15 जनवरी
टीम जी
टीम एच
प्राकृतिक स्टेडियम
20 जनवरी
टीम आई
टीम जे
जयपुर स्टेडियम
25 जनवरी
टीम के
टीम एल
विजय स्टेडियम
30 जनवरी
टीम एम
टीम एन
सूरज स्टेडियम
4 फरवरी
टीम ओ
टीम प
तारा स्टेडियम
9 फरवरी
टीम क्यू
टीम आर
उज्जवल स्टेडियम
14 फरवरी
टीम एस
टीम ट
विक्रम स्टेडियम
Ranji Trophy 2024
Ranji Trophy खेलने के लिए कितनी उम्र चाहिए?
रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए कोई निश्चित उम्र सीमा नहीं है। हालांकि, खिलाड़ियों को क्रिकेट के खेलने के लिए आवश्यक योग्यता और कौशल होना चाहिए। रणजी ट्रॉफी के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों की आयु श्रेणी 18 से 30 वर्ष के बीच होती है, लेकिन यह कोई नियम नहीं है और अन्य आयु गुणवत्ता के खिलाड़ी भी इसमें भाग लेते हैं।
रणजी ट्रॉफी में सिलेक्शन कैसे होता है?
रणजी ट्रॉफी में चयन का प्रक्रिया अधिकांश राज्य क्रिकेट संघों द्वारा की जाती है और इसमें कई प्रमुख चरण होते हैं: राज्य स्तर प्रतियोगिताएँ: राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले विभिन्न प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को अच्छे प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है। ये प्रतियोगिताएँ स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की होती हैं और खिलाड़ियों को अपने क्षमता को दिखाने का मौका प्रदान करती हैं। चयन समिति: राज्य क्रिकेट संघ एक चयन समिति बनाते हैं जो प्रतियोगिताओं में चमकने वाले खिलाड़ियों का चयन करती है। चयन समिति के सदस्य अक्सर अनुभवी क्रिकेट व्यक्तित्वों, कोचों और पूर्व खिलाड़ियों से मिलते हैं। रणजी ट्रॉफी कैंप: चयनित खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी कैंप में शामिल किया जाता है, जहां उन्हें और भी मैच खेलने का अवसर मिलता है और उनके क्रिकेट कौशलों की मूल्यांकन की जाती है। टीम का चयन: आधारित रूप से रणजी ट्रॉफी कैंप में किए जाने वाले प्रदर्शनों के आधार पर, चयन समिति अंत में राज्य की टीम का चयन करती है। यह टीम रणजी ट्रॉफी में प्रतिष्ठानुपम खेलने का अवसर प्राप्त करती है और उसे राज्य का गौरव प्रतिस्थान मिलता है।
रणजी क्रिकेटर की सैलरी कितनी है?
रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले क्रिकेटरों की सैलरी निर्धारित नहीं होती है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक स्तर का टूर्नामेंट है और इसमें खिलाड़ियों को सीधे सैलरी नहीं मिलती है। रणजी ट्रॉफी का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका देना है और उन्हें अपनी क्रिकेट क्षमता को सुधारने का अवसर प्रदान करना है।
रणजी ट्रॉफी में कितने ग्रुप होते हैं?
रणजी ट्रॉफी में सामान्यत: दो ग्रुप होते हैं। इन ग्रुपों को वाणिज्यिक रूप से “ग्रुप ए” और “ग्रुप ब” कहा जाता है। इस प्रकार के विभाजन से आयोजित होने वाले मुकाबलों में अधिक प्रतिस्पर्धा और रोमांच होता है जो टूर्नामेंट को दृढ़ बनाए रखता है और बड़ी स्कोरिंग मैचों का आयोजन करता है।
रणजी ट्रॉफी में कितनी टीमें होती हैं?
रणजी ट्रॉफी में सामान्यत: इसमें कुल मिलाकर 38 टीमें शामिल होती हैं। ये टीमें विभिन्न राज्यों और क्रिकेट एसोसिएशन्स से आती हैं, जो प्रतिवर्ष रणजी ट्रॉफी में भाग लेने के लिए चयन होती हैं। इन 38 टीमों को व्यापक रूप से दो ग्रुपों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें “ग्रुप ए” और “ग्रुप ब” कहा जाता है। इसके बाद प्रतिस्पर्धा के विभिन्न चरणों में टीमें आगे बढ़ती हैं, और उच्च स्तर की टीमें चयन से आगे बढ़कर टॉप क्लास क्रिकेट प्रदर्शन करने का मौका प्राप्त करती हैं।
रणजी ट्रॉफी कौन करवाता है?
रणजी ट्रॉफी का आयोजन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के द्वारा किया जाता है। यह टूर्नामेंट, जो भारत में पुराने और महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में से एक है, बड़े स्तर पर राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए खिलाड़ियों को मौका प्रदान करता है और उन्हें विभिन्न राज्यों और क्रिकेट एसोसिएशन्स के प्रति उनकी क्षमता को दिखाने का अवसर प्रदान करता है। बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट को बढ़ावा देने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए रणजी ट्रॉफी को एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म बनाया है जो राष्ट्रीय स्तर पर उच्च क्षमता के खिलाड़ियों को प्रमोट करता है।
रणजी ट्रॉफी किसके नाम पर है?
रणजी ट्रॉफी का नाम रणजी सिंह जी के नाम पर है, जो भारतीय क्रिकेट के एक महत्वपूर्ण नेता और क्रिकेट के प्रशिक्षक रहे हैं। रणजी सिंह, पूरे नाम में राजा रणजी सिंह थे, और उन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक ऊँचे स्तर पर ले जाने में अपना योगदान दिया।
रणजी ट्रॉफी सबसे ज्यादा कौन जीता है?
रणजी ट्रॉफी को सबसे ज्यादा बार जीतने वाली टीम मुंबई है। मुंबई ने इस प्रतियोगिता को कई बार अपने नाम किया है और उनमें से कुछ समयों तक इस टूर्नामेंट का अधिकारी रही है। मुंबई क्रिकेट संघ (Mumbai Cricket Team) ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक शक्तिशाली और प्रभावशाली टीम के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
Rajasthan Board RBSE Class 12th Result 2025: राजस्थान के शिक्षा मंत्री और आरबीएसई के बोर्ड सचिव द्वारा कल 22 मई को RBSE Class 12th Result 2025 तीनो स्ट्रीम आर्ट्स, साइंस एवं कॉमर्स की आधिकारिक वेबसाइट rajeduboard.rajasthan.gov.in पर जारी हो चुका है, जिन्होंने अभी तक Rajasthan Board RBSE Class 12th Result 2025 को नहीं देखा है तो नीचे डायरेक्ट लिंक दी गयी है इस लिंक पर क्लिक कर सिर्फ रोल नंबर की मदद से RBSE Class 12th Result देख सकते है.
IMPORTANT DATES
EXAM CONDUCTED BY
Academic Year : 2024 – 25 Exam Date : 06 March to 07 April 2025 Admit Card Date : March 2025 Minimum Passing Marks : 33%Result Date : 22 May 2025 at 05:00PMCandidates are Advised to Verify the details on the Official Website of RBSE Rajasthan Board.
RBSE Rajasthan Board – Rajasthan Board of Secondary Education (RBSE) Board has Conducted the Examination of High School and Intermediate Examination 2025.
राजस्थान बोर्ड कक्षा 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं 6 मार्च से 7 अप्रैल तक पुरे किये गए , जिसमें इस वर्ष करीब 9 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी। राजस्थान बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2025 का इंतजार कर रहे सभी छात्र यहां नीचे लिंक पर क्लिक करके अपना रिजल्ट को देख सकते है.
How to Check Rajasthan Board RBSE Class 12th Exam 2025
RBSE Class 12th Result 2025 राजस्थान बोर्ड रिजल्ट Rajasthan Board Class 12th Result Direct Link के जरिए छात्र Arts, Commerce, Science का रिजल्ट एवं स्कोरकार्ड रोल नंबर के जरिए चेक कर सकेंगे। RBSE Class 12th Result देखने के लिए अधिकारिक इन्ही दो वेबसाईट के माध्यम से देखा जा सकता है, rajeduboard.rajasthan.gov.in और rajresults.nic.in
Voter ID card Aadhaar linking:राष्ट्रीय मतदाता पोर्टल(National Voter’s Services Portal) NVSP के अनुसार Voter id Card को Aadhaar Card से लिंक करना बहुत ही आवश्यक हो गया है. इस पोस्ट मे वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने का नया प्रोसेस बताया गया है, साथ ही साथ आप अपने वोटर आईडी कार्ड का स्टेटस जैसे कि हमारे वोटर कार्ड में आधार कार्ड लिंक हुआ या नहीं हुआ यह भी आप बड़े आसानी से घर बैठे चेक कर पाएंगे। Voter id Card को Aadhaar Card से लिंक कैसे करना है? इसकी सारी प्रक्रिया इस पोस्ट के माध्यम से बताने वाला हूँ इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें. Voter ID card Aadhaar linking.
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वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने का नया प्रोसेस बताने वाला हूं जिसमें कि आप बिना मोबाइल एप्लीकेशन को इंस्टॉल करें ही nvsp.in से ही आप अपना Voter ID card Aadhaar linking कर सकते हैं।
Authority
National Voter’s Services Portal(NVSP)
Category
Aadhar Card Link to Voter ID Card Online & Offline
आप सभी को मोबाइल एप्लीकेशन में बहुत सारी समस्याओं को फेस करनी पड़ती है वह भी यहां पर वह सारी समस्याओं देखने को नहीं मिलेगी साथ ही साथ आप अपने वोटर आईडी कार्ड का स्टेटस है जैसे कि हमारे वोटर कार्ड में आधार कार्ड लिंक हुआ या नहीं हुआ यह भी आप बड़े आसानी से घर बैठे चेक कर पाएंगे। कैसे आपको Voter ID card Aadhaar linkingकरना है पूरी प्रोसेस को इस पोस्ट के माध्यम से बारीकी से समझाया एवं पिक्चर की मदद से दिखाया गया है।
How to Link Aadhaar Card With Voter ID Online
वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक आप घर बैठे अपने मोबाईल के माध्यम से भी बड़े आसानी से (link aadhaar with voter id through mobile) कर सकते है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स के माध्यम से Voter ID card Aadhaar linking की प्रोसेस समझायी गयी है-
Voter ID card Aadhaar linking सबसे पहले www.nvsp.in की ऑफिशियल वेबसाइट को ओपन कर लेंगे
Nvsp.in की सभी सर्विसेज को एक्सेस करने के लिए सबसे पहले यूजर नेम और पासवर्ड की मदद से लॉग-इन करना होगा
अगर आपके पास nvsp.in की लॉगिन आईडी नहीं है तो सबसे पहले अपना लॉगइन आईडी बनाएं nvsp.in की लॉगिन आईडी को बनाने के लिए नीचे दिए गए लिंक don’t have account register as a new user वाले ऑप्शन पर क्लिक कर आप अपना एक नया यूजर आईडी और पासवर्ड को प्राप्त कर सकते हैं
उसके बाद भी रिफाई मोबाइल नंबर के इस इंटरफ़ेस में सबसे पहले आप अपना मोबाइल नंबर एंटर करें तथा कैप्चा को फील कर सेंड ओटीपी वाले ऑप्शन पर क्लिक कर दें।
यहां पर आपके मोबाइल नंबर को वेरीफाई करने के लिए आपके फोन पर एक ओटीपी आएगा इस OTP को वेरीफाई वाले ऑप्शन पर क्लिक कर वेरीफाई कर लें.
उसके बाद अगर आपके पास एपीआईसीए नंबर है तो आई है पी पी आई सी नंबर वाले ऑप्शन को टिक मार्क करेंगे
ए पी आई सी नंबर ईमेल आईडी न्यू पासवर्ड कंफर्म पासवर्ड डालकर रजिस्टर वाले ऑप्शन पर क्लिक करें.
उसके बाद आपका अकाउंट सक्सेसफुली रजिस्टर हो जाता है.
अपना यूजर नेम और पासवर्ड की मदद से आप लॉग इन करें
लॉग-इन के पश्चात आपके सामने पोर्टल का इंटरफ़ेस इस प्रकार का डिस्प्ले होगी
यहां पर आप अगर नया वोटर कार्ड बनाना चाहते हैं या आप किसी प्रकार का करेक्शन करना चाहते हैं तो यहां सभी प्रकार के ऑप्शन दिए गए हैं
वोटर कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए information of Aadhaar number by existing electors वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा
यहां पर आपको मौजूदा निर्वाचकओं द्वारा आधार संख्या की जानकारी के लिए प्रारूप 6B(form 6B) वाले ऑप्शन पर ही क्लिक करके अपने आधार को वोटर आईडी कार्ड से लिंक करना होगा।
नोट : यहां पर अगर आपको ऑफलाइन के माध्यम से अपने आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक करना चाहते हैं तो इस पीडीएफ फॉर्म को डाउनलोड कर इसको फिल अप करके अपने बीएलओ के पास या तहसील में जमा करा सकते हैं और वहां से भी आपका आधार वोटर कार्ड से लिंक हो जाएगा।
ऑनलाइन के माध्यम से अपने Voter ID card Aadhaar linking करने के लिए प्रारूप फॉर्म 6B (Form 6B) हिंदी या इंग्लिश जिस भी मीडियम से फॉर्म अप्लाई करना चाहते हैं तो उस ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
उसके बाद आपके सामने Form 6B ओपन हो जाएगा यहां पर आप देखेंगे की Form 6B पहले से ही फाइल अवेलेबल है क्योंकि हमने रजिस्ट्रेशन पेज में अपना वोटर आईडी नंबर दिया था उसी के हिसाब से यहां सारे डिटेल्स फ्रेश होकर आ चुकी हैं. अब इस फॉर्म में जो जानकारी मिसिंग है जैसे वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए वह हमें यहां फिल अप करनी होगी
सबसे पहले हमें अपना मोबाइल नंबर अपनी ईमेल आईडी को फिल अप करना होगा उसके बाद Page को जब नीचे करेंगे तो .. 1. Personal details
2. select the appropriate option
3. Aadhar Card details
उपर्युक्त ऑप्शन में सभी सही जानकारी देकर Previews वाले ऑप्शन पर क्लिक करें.
Previews ऑप्शन पर क्लिक करते ही जो भी आपने इंफॉर्मेशन को फिल-अप किया है उसकी एक बार Summery दिखाई जाती है यहां सभी डिटेल्स को अच्छी तरह से वेरीफाई कर लेना है अगर किसी प्रकार की गलती हो जाती है तो उसको बैक ऑप्शन पर क्लिक करके करेक्शन किया जा सकता है इस फॉर्म को प्रिंट आउट भी कर सकते हैं.
उसके बाद अगर आपकी सारी चीजें सही है तो सबमिट वाले ऑप्शन पर क्लिक करें.
एप्लीकेशन फॉर्म सक्सेसफुली सममीटिंग हो जाएगा और रिफरेंस आईडी आपको प्राप्त हो जाएगी ।
इस जरनेट आईडी की हेल्प से आप अपने एप्लीकेशन फॉर्म के स्टेटस को ट्रक कर पाएंगे अगर आपकी Voter ID card Aadhaar linking सारी जानकारी सही होगी तो गवर्नमेंट की तरफ से वेरीफाई किया जाएगा अगर सभी दी गई जानकारी करेक्ट होगी तो ट्रक करने पर या एप्लीकेशन की स्टेटस जब आप चेक करेंगे तो आपको परिणाम एक्सेप्टेड दिखाई देगा और आपका आधार सक्सेसफुली Voter ID card Aadhaar linking हो जाएगा।
Voter ID card Aadhaar linking Offline Process
यदि आप अपना आधार कार्ड वोटर कार्ड लिंकिंग(Voter ID card Aadhaar linking) ऑफलाइन के माध्यम से करवाना चाहते है तो इसके लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के पास आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड को ऑफलाइन मोड में लिंक करने का अधिकार होता है। उम्मीदवारों को बूथ स्तर के अधिकारी को वोटर आईडी से लिंक आधार का आवेदन पत्र जमा करना होगा। इसके बाद बीएलओ विवरण को सत्यापित करेगा और आधार को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ भी देगा।
Voter ID card Aadhaar linking Through SMS
उम्मीदवार अगर अपना Voter ID card Aadhaar linking प्रक्रिया को मोबाईल SMS के माध्यम से करना चाहते है तो इसके लिए आपको अपने मोबाईल से SMS<अपना ईपीआईसी नंबर या वोटर आईडी कार्ड नंबर> <स्पेस> <आधार नंबर> टाइप करना होगा और इसे 166 या 51959 पर भेजना होगा। नोट : उम्मीदवार अपना SMS केवल पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से ही SMS भेजना होगा।
Voter ID card Aadhaar linking Through Customer Care
उम्मीदवारों को 1950 डायल करना होगा और कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव निर्देशों का पालन करना होगा, लिंक प्रक्रिया के लिए अपना वोटर आईडी कार्ड नंबर और आधार नंबर टाइप करना होगा।
FAQ’s Aadhaar Card Linking to Voter id Card online
How can I link my Aadhaar card with my voter ID online?
For Voter ID card Aadhaar linking, one has to go to the official website of www.nvsp.in. Visit sonujieducation.com to know all the steps on how to Voter ID card Aadhaar linking.
How can I update my Aadhar card with voter ID?
इस प्रकार की अपडेट के लिए आप स्वयं सेवा अद्यतन पोर्टल(Self Service Update Portal (SSUP) में अपना पता ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं। अन्य विवरण अपडेट जैसे कि जनसांख्यिकीय(Demographic details) विवरण (नाम, पता, जन्मतिथि, लिंग, मोबाइल नंबर, ईमेल) के साथ-साथ आधार में बायोमेट्रिक्स (फिंगर प्रिंट, आइरिस और फोटोग्राफ) के लिए आपको स्थायी नामांकन केंद्र पर जाना होगा।
Manmohan Singh Death News Hindi Live: मनमोहन सिंह, जो 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे, इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से रिटायर हो गए थे। इसके साथ ही 33 साल तक उच्च सदन में अपनी राजनीतिक यात्रा खत्म की थी। वे भारत के पहले और अब तक के एकमात्र सिख प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 1991 में पी.वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व में वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली थी और उसी साल राज्यसभा में पहुंचे थे।
वह पांच कार्यकाल तक असम से राज्यसभा में चुने गए और 2019 में राजस्थान चले गए थे। संसद में उनका अंतिम भाषण विमुद्रीकरण के खिलाफ था, जिसमें उन्होंने इसे “संगठित लूट और वैधानिक लूट” करार दिया था। एक कार्यक्रम में उन्होंने 2021 में कहा था, “बेरोजगारी बढ़ी है और अनौपचारिक क्षेत्र संकट में है, यह स्थिति 2016 में लिए गए नोटबंदी के निर्णय के कारण पैदा हुई।” Manmohan Singh Death News Hindi Live
Manmohan Singh Death News Hindi- Degree कौन- कौन सी ली जाने
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स ट्राइपोज पूरा किया और फिर 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. की डिग्री ली।
अपनी अकादमिक यात्रा के बाद, डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन किया। 1971 में उन्होंने भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में काम करना शुरू किया। 1972 में वह वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बने।
यूएनसीटीएडी सचिवालय में एक छोटे से कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987 से 1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अलावा, उन्होंने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया।
मनमोहन सिंह ने भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा, खासकर भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधार के दौर में उनके नेतृत्व के लिए।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर 2024: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर, गुरुवार को हो गया। उन्हें सांस लेने में परेशानी होने के बाद रात लगभग 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था।
मनमोहन सिंह, जो 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे, इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से रिटायर हो गए थे। इसके साथ ही 33 साल तक उच्च सदन में अपनी राजनीतिक यात्रा खत्म की थी। वे भारत के पहले और अब तक के एकमात्र सिख प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 1991 में पी.वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व में वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली थी और उसी साल राज्यसभा में पहुंचे थे।
वह पांच कार्यकाल तक असम से राज्यसभा में चुने गए और 2019 में राजस्थान चले गए थे। संसद में उनका अंतिम भाषण विमुद्रीकरण के खिलाफ था, जिसमें उन्होंने इसे “संगठित लूट और वैधानिक लूट” करार दिया था। एक कार्यक्रम में उन्होंने 2021 में कहा था, “बेरोजगारी बढ़ी है और अनौपचारिक क्षेत्र संकट में है, यह स्थिति 2016 में लिए गए नोटबंदी के निर्णय के कारण पैदा हुई।” Manmohan Singh Death News Hindi
Manmohan Singh का जन्म
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स ट्राइपोज पूरा किया और फिर 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. की डिग्री ली।
अपनी अकादमिक यात्रा के बाद, डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन किया। 1971 में उन्होंने भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में काम करना शुरू किया। 1972 में वह वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बने।
यूएनसीटीएडी सचिवालय में एक छोटे से कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987 से 1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अलावा, उन्होंने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया।
मनमोहन सिंह ने भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा, खासकर भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधार के दौर में उनके नेतृत्व के लिए।
डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल की 10 बड़ी नीतियाँ, जिन्होंने बदल दी भारत की तस्वीर
डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित नेता रहे हैं। उन्होंने देश की सेवा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनका असर भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा पड़ा। उनके कार्यकाल के दौरान कुछ प्रमुख और उल्लेखनीय योगदान निम्नलिखित थे:
1. आर्थिक सुधारों की शुरुआत (1991)
डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व में वित्त मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। इस दौरान भारत ने आर्थिक संकट का सामना किया था, और डॉ. सिंह ने सुधारों की एक नई दिशा तय की। उन्होंने लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था ने तेजी से वृद्धि की। इसके तहत:
उद्योगों का उदारीकरण: कई क्षेत्रों में सरकारी नियंत्रण को समाप्त किया गया और निजी क्षेत्र के लिए अवसर खोले गए।
विदेशी निवेश को बढ़ावा: विदेशी निवेशकों के लिए भारत को आकर्षक बनाने के लिए कई नीतियां अपनाई गई।
मूल्य निर्धारण का सुधार: सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बाजार की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया गया।
2. भारत-परमाणु समझौता (2008)
मनमोहन सिंह सरकार ने 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता (Civil Nuclear Agreement) किया, जो भारत को शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा प्राप्त करने के लिए एक नया रास्ता प्रदान करता था। इस समझौते के तहत, भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) से परमाणु ईंधन और तकनीक प्राप्त करने का अवसर मिला, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हुई।
3. संविधान संशोधन और कल्याणकारी योजनाओं का प्रारंभ
मनमोहन सिंह की सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (NREGA), राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक जैसी कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की, जिनसे लाखों गरीब और जरूरतमंद लोगों को सहायता मिली। ये योजनाएं समाज के निचले तबके को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई।
4. भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करना
मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत की। उन्होंने भारत को एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया। इसके तहत:
अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों में भागीदारी: उन्होंने भारतीय व्यापार के लिए कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) में भारत की सक्रिय भागीदारी।
चीन और अमेरिका के साथ रिश्तों का सुदृढ़ीकरण: भारत ने चीन और अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को प्रगाढ़ किया, जिससे भारत को वैश्विक राजनीति में एक प्रमुख स्थान मिला।
5. भारत के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र का उत्थान
मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि हुई। उन्होंने आईटी उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां बनाई, जिससे बंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहर वैश्विक आईटी हब बन गए। इसके परिणामस्वरूप भारत को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में पहचान मिली।
6. महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA)
मनमोहन सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए MGNREGA योजना शुरू की, जो पूरी दुनिया में सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना मानी जाती है। इसके तहत, किसानों और मजदूरों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिससे उनके जीवनस्तर में सुधार हुआ। यह योजना भारत में बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई।
7. भारत में शिक्षा सुधार और उच्च शिक्षा संस्थानों का विकास
मनमोहन सिंह सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में कई सुधार किए और नवीन उच्च शिक्षा संस्थानों का विकास किया। उनके कार्यकाल के दौरान, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों के विस्तार के साथ-साथ, नई केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई, जिससे भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार आया।
8. हरित क्रांति और खाद्य सुरक्षा
मनमोहन सिंह ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भी कई योजनाएं बनाई। उन्होंने कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए नए कदम उठाए, ताकि भारत खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर हो सके। खाद्य सुरक्षा विधेयक और कृषि सिंचाई सुधार जैसी योजनाओं से किसानों की स्थिति में सुधार हुआ।
9. मुलायम, समावेशी विकास
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में समावेशी विकास को प्राथमिकता दी गई। उनकी सरकार ने दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए कई योजनाएं बनाई, ताकि उनका सामाजिक और आर्थिक उत्थान हो सके।
10. वैश्विक वित्तीय संकट से उबरना
2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत ने प्रभावी आर्थिक नीतियों के जरिए देश को इस संकट से उबार लिया। उन्होंने मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया, ब्याज दरों को अनुकूलित किया और सरकारी खर्च को बढ़ाया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली और भारत अन्य देशों की तुलना में जल्दी उबर सका।