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✅Article 370 क्या है(Article 370 Verdict) Article 370 पर सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला आया- Supreme Court Verdict on Article 370 अभी जाने

Article 370 Verdict

Article 370: नमस्कार दोस्तों! आज की इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानने वाले है की Article 370 क्या है? और Article 370 पर सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला क्या आया है, सबकुछ पुरे विस्तार से जानने वाले है इसलिए इस ब्लॉग पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

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Article 370 क्या है- Article 370 Verdict

Article 370 Verdict

Article 370 Verdict दोस्तों हम सभी जानते हैं कि भारत को स्वतंत्रता अगस्त 15, 1947 को मिली और 15 अगस्त 1947 को जिस दिन भारत आजाद हुआ। उस दिन जम्मू और कश्मीर को भी उसकी आजादी मिल गई। भारत की स्वतंत्रता के समय राजा हरि सिंह यहाँ के शासक थे जो अपनी रियासत को स्वतंत्र ही रखना चाहते थे। Article 370 Verdict

Article 370 Verdict लेकिन 20 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान समर्थित कश्मीर सेना ने पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर कश्मीर पर आक्रमण कर दिया और काफी सारा हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया। इस परिस्थिति में महाराजा हरी सिंह ने जम्मू और कश्मीर की रक्षा के लिए शेख अब्दुल्ला की सहमति से जवाहरलाल नेहरू के साथ मिलकर 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ जम्मू और कश्मीर के अस्थाई विलय की घोषणा कर दी Article 370 Verdict

और इन्स्ट्रूमेंट्स ऑफ ऐक्सेशन ऑफ जम्मू एंड कश्मीर टु इंडिया पर अपने हस्ताक्षर कर दिए। इस नए समझौते के तहत जम्मू और कश्मीर ने सिर्फ तीन विषयों को भारत के हवाले कर दिया था। ये है रक्षा विदेशी मामले दूरसंचार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत सरकार ने वादा किया कि जब तक इस राज्य के लोग स्वयं अपने संविधान का निर्माण नहीं कर लेते हैं

तब तक भारत का संविधान केवल इस राज्य के बारे में टेंपरेरी अरएन्जमेंट प्रदान करता रहेगा। इसी कमिटमेंट के साथ आर्टिकल 370 को भारत के संविधान में शामिल किया गया था। इन प्रावधनों को 17 नवंबर 1952 से लागू किया जाने लगा। Article 370 Verdict

आर्टिकल 370 में जम्मू और कश्मीर के लिए क्या प्रावधान है?

Article 370 Verdict जम्मू और कश्मीर भारतीय संघ का एक संवैधानिक राज्य है किंतु इसका नाम, क्षेत्रफल और सीमा को केंद्र सरकार तभी बदल सकती है जब जम्मू और कश्मीर की राज्य सरकार उसको ऐसा करने की अनुमति दें। इस आर्टिकल के अनुसार रक्षा, विदेशी मामले और संचार को छोड़कर कोई भी और कानून लागू करने के लिए केंद्र सरकार को पहले राज्य से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस आर्टिकल के अनुसार जम्मू और कश्मीर का अपना ही संविधान है।

और इसका प्रशासन भी खुद ही चलाता है ना कि भारत का संविधान उसे चलाता है। जम्मू और कश्मीर के पास दो झंडे है, एक जम्मू और कश्मीर का खुद का राष्ट्रीय झंडा है और दूसरा जम्मू और कश्मीर के पास भारत का झंडा हैं जो यहाँ का राष्ट्रीय ध्वज देश के दूसरे राज्यों के नागरिक इस राज्य में अभी भी किसी भी प्रकार की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं। अर्थात इस राज्य में अभी भी संपत्ति का मूलभूत अधिकार लागू है। जम्मू और कश्मीर के लोगों को दो प्रकार की नागरिकता मिली हुई है। Article 370 Verdict

एक जम्मू और कश्मीर की और दूसरी भारत की। यदि कोई कश्मीरी महिला किसी भारतीय से शादी करती है तो उसकी कश्मीरी नागरिकता वहीं पर खत्म हो जाती है। लेकिन अगर कोई कश्मीरी महिला किसी पाकिस्तानी से शादी करती है तो उसकी कश्मीरी नागरिकता के ऊपर कोई भी फर्क नहीं पड़ता है। यदि कोई पाकिस्तानी लड़का किसी कश्मीरी महिला से शादी कर लेता है तो उसे भारतीय नागरिकता भी मिल जाती है।

Article 370 Verdict अगर भारत देश का नागरिक भारत के किसी राज्य को छोड़कर विदेश चला जाता है तो उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाती है। लेकिन अगर कोई जम्मू और कश्मीर का नागरिक पाकिस्तान चला जाता है और उसके बाद वो जम्मू और कश्मीर आता है तो उसे दोबारा से भारत की नागरिकता मिल जाती है। जम्मू और कश्मीर में भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों जैसे कि राष्ट्रगान, राष्ट्रध्वज इत्यादि का अपमान करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। Article 370 Verdict

Article 370 के कारण ही केंद्र राज्य पर आर्थिक आपातकाल जैसा कोई भी कानून नहीं लगा सकती है। अर्थात यदि भारत में कोई वित्तीय संकट आता है और भारत सरकार देश में आर्थिक आपातकाल की घोषणा करती है तो उसका जम्मू और कश्मीर पर कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा।

भारत के संविधान में किसी प्रकार का संशोधन जम्मू और कश्मीर पर स्वतः लागू नहीं होता है जब तक कि इसे राष्ट्रपति के विशेष आदेश पर लागू करने की अनुमति ना दी जाए। तो ये थी आर्टिकल 370 के बारे में पूरी जानकारी।

Article 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला-Supreme Court Verdict on Article 370

दोस्त! आज से ठीक 4 साल, चार महीने 6 दिन पहले तारीख 5 अगस्त 2019 को वर्तमान की केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया था। राइट और उसके बाद से 23 अलग अलग याचिकाएं सरकार के फैसले के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई है। इन सभी याचिकाओं की आज हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट के जजों ने आखिरकार 370 पर अपना अंतिम फैसला दे ही दिया।

अब ये फैसला तो आपको पता होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के पक्ष में ही सुनाया और अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला बरकरार रखने का आदेश दिया। लेकिन आखिर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में यह फैसला क्यों सुनाया? इतने लोगों की याचिकाओं को खारिज क्यों कर दिया?

मतलब इसके पीछे देश के सर्वोच्च न्यायालय ने क्या तर्क दिए हैं? और जम्मू कश्मीर से वाकई में आर्टिकल 370 हटने के बाद यानी मोदी शाह के इस कठोर फैसले के बाद जम्मू कश्मीर की फिजा में कितना बदलाव देखने को मिला? 10। ऐसे टर्निंग पॉइंट और खास बातें है। मैं आपको बताऊँगा जिन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे क्योंकि उसमें जम्मू कश्मीर भारत का एक अहम हिस्सा है।

भारत का सिर मोर मुकुट कहा जाता है और इसीलिए हर एक भारतीय नागरिक का ये कर्तव्य बनता है कि जम्मू कश्मीर से जुड़ा ये अपडेट हर एक शख्स भली भांति जान लें। दोस्तों एक तो मोदी सरकार के फैसले की वो तारीख जो मैंने आपको बताया 5 अगस्त 2019 और एक आज की ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीख दोनों तारीख के इतिहास में दर्ज होगी क्योंकि सरकार के फैसले के बाद भी आज जाकर जम्मू कश्मीर से धारा 370 पूर्ण रूप से हट पाए। यूं समझिए आप जम्मू कश्मीर से 370 को हटाने का फैसला बरकरार रखते भी हैं।

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